Friday, December 6, 2013

पोल्यूशन चैक

लघु कथा
 
          पोल्यूशन चैक
 
                                                                पवित्रा अग्रवाल 

         

      अभय स्कूटर ले कर घर से बाहर निकला ही था कि ट्रेफिक पुलिस ने रोक लिया--"लाइसेन्स
दिखाइए।'
उसने जेब से निकाल कर लाइसेन्स दिखाया ।
"पौल्यूशन चैक सार्टिफिकेट दिखाइये ।'
"अभी वही बनवाने जा रहा था ।'
इंसपैक्टर के चेहरे पर मुस्कान आ गई --"इसका मतलब सार्टिफिकेट नहीं है ।'
"है साब पर अभी दो दिन पहले ही एक्सपायर हुआ है,मैं बाहर गया हुआ था... आज ही लौटा हूँ ।'
"इंसपैक्टर ने अर्थ भरी मुस्कान से कहा - "ठीक है बनवा लीजिएगा पर अभी तो चालान कटेगा ही...काट दूँ ?'
"रहने दीजिये न साब ,भले ही सार्टिफिकेट एक्सपायर हो गया है पर मेरी गाड़ी फिट है आप खुद देख लीजिए... इस से कोई प्रदूषण नहीं फैल रहा है ।'
तभी वहाँ से काला धुंआ उगलती एक मोटर साइकिल गुजर गई पर इंसपैक्टर पहले वाले का चालान काटने न काटने के बीच उलझा हुआ था।

--
-पवित्रा अग्रवाल
ईमेल -- agarwalpavitra78@gmail.com/
मेरे ब्लॉग्स -
         

Labels:

4 Comments:

At December 10, 2013 at 11:52 PM , Blogger रश्मि प्रभा... said...

देखने में जो छोटा लगता है
वह छोटा नहीं होता
कई बड़े अर्थ उसमें होते हैं
जो जीवन की सीख दे जाते हैं …
http://www.parikalpnaa.com/2013/12/blog-post_11.html

 
At December 13, 2013 at 2:00 AM , Blogger http://bal-kishor.blogspot.com/ said...

dhanyvad rashmi prabha ji ,aapne bahut sahi baat kahi hai .

 
At December 17, 2013 at 3:03 AM , Anonymous Anonymous said...

Nice post.If you like hindi story to read then visit this link.

Real stories in Hindi


 
At December 20, 2013 at 9:30 PM , Blogger http://bal-kishor.blogspot.com/ said...

रचना पसन्‍द आनेके लिए धन्‍यवाद ।

 

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home