Thursday, December 23, 2010

स्टेटस

मिस्टर वाल्मीकि घर पहुंचे तो पत्नी मुंह लटकाये हुए बर्तन मांज रही थी।
"आज कामवाली नहीं आई ?'
"अब आयेगी भी नहीं।'
"अब क्या हो गया । पहले तो  कामवाली हमारी जाति पता लगने पर काम छोड़ कर भाग जाती थीं।...लेकिन ये नई कामवाली तो अपनी ही जाति की है। ये क्यों भाग गइ ?'"हमारी जाति की है तो क्या हमारे सिर पर चढ़ कर बैठेगी ?.. हमारे स्टेटस की हो जाएगी ?...
अब  तक तो चाहे जब डाइनिंग टेबल की कुर्सियों पर बैठ जाती थी।...मुझे अच्छा तो नहीं लगता था किंतु बस  यही सोच कर चुप बैठ जाती थी कि बड़ी मुश्किल से तो मिली है कहीं ये भी न भाग जाये।....
आज टीवी पर फिल्म आ रही थी। उसे देखने के लिए वह सोफे पर बैठ गई। पिंकी ने टोक दिया
 कि सोफे पर नहीं कार्पेट पर बैठ जाओ।'....
"फिर ?'
"फिर क्या, बस तुनक कर खड़ी हो गई और बोली, "अब तक जब ऊंची जाति के लोग हमें अपने   से छोटा समझते थे तो बहुत गुस्सा आता था। लेकिन पिंकी हम और तुम दोनों एक जाति के हैं फिर तुम हमसे  अछूतों सा व्यवहार क्यों कर रही हो ? तुम चार अक्षर पढ़ गये तो हम से ऊंची जाति के तो नहीं    हो गये ?...नहीं करना तुम्हारा काम।' कहकर पैर पटकती हुई बाहर चली गई।'
     
-पवित्रा अग्रवाल

4 Comments:

At January 1, 2011 at 6:02 AM , Blogger ਸ਼ਿਆਮ ਸੁੰਦਰ ਅਗਰਵਾਲ said...

पवित्रा जी, अपने लघुकथा साहित्य को पाठकों तक पहुँचाने के लिए ब्लॉग शुरु करने के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ। बस निरंतरता बनाएं रखें।
-श्याम सुन्दर अग्रवाल

 
At January 1, 2011 at 9:14 AM , Blogger अविनाश वाचस्पति said...

पवित्रा जी ब्‍लॉग बनाकर आपने बहुत ही पवित्र कार्य किया है। मेरी अनेक नेक शुभकामनायें स्‍वीकारें। मानवसेवा की रूखी-सूखी मेवा सबको पसंद है

 
At September 5, 2013 at 12:33 AM , Blogger Unknown said...

वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति.शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामना
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |

http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
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http://mmsaxena69.blogspot.in/

 
At September 11, 2013 at 5:28 AM , Blogger http://bal-kishor.blogspot.com/ said...

Dhanyavad madan mohan ji.Abhi aasha ram par aapki rachana dekhi thi,achchi hai par Un andh bhakto ka kya kiya jae jo bina sach jane aasharam ke paksh me tod fod par utar aaya tha , afsos ki usame mahilaye bhi shamil thi.pata nahi janta kab jagrook hogi.

 

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