जुगाड़
लघुकथा
जुगाड़
पवित्रा अग्रवाल
एक स्तंभ - लेखक से पाठक ने पूछा--"आप अपने स्तंभ में किसी न किसी व्यक्ति पर कीचड़ क्यों उछालते रहते हैं ? लोगों का कहना है कि जिस से आपकी नही पटती या जो आपको महत्व नही देते आप उनके खिलाफ लिख कर बदला लेते हैं...अब मुझे भी ऐसा लगने लगा है ,क्या यह सही है ?'
"नही ऐसा तो नही है।...आपको ऐसा क्यो लगा ?'
"पिछले दिनो आपने लिखा था कि समाज सेवी कृपा शंकर जी समाज सेवा का ढ़ोंग करते है। काम थोड़ा करते हैं पर बढ़ा चढ़ा कर प्रचार करते हैं...
"मैं ने जो लिखा था वह गलत नही है ।'
"पर उन्हे तो समाज सेवा के लिये कई बार पुरस्कृत किया जा चुका है। कई पत्रिकाओं में उनके साक्षात्कार भी प्रकाशित हुये हैं फिर उनको तो मैं व्यक्तिगत रूप से भी जानता हूँ ,वह एक नेक इंसान हैं।'
"आप भी क्या बात करते हैं...आप नही जानते, कुछ लोग बड़े जुगाड़ू होते हैं । वैसे भी आज पैसे से बहुत कुछ खरीदा जा सकता है .. फिर अपनी तारीफ में कुछ छपवाना तो और भी आसान है ।'
" वह कैसे ?'
"दारू पिला कर और मुर्गा खिला कर किसी से कुछ भी लिखवा लो।'
"ओ....,लगता है उन्होंने आपको कुछ नही खिलाया - पिलाया.....।'
जुगाड़
पवित्रा अग्रवाल
एक स्तंभ - लेखक से पाठक ने पूछा--"आप अपने स्तंभ में किसी न किसी व्यक्ति पर कीचड़ क्यों उछालते रहते हैं ? लोगों का कहना है कि जिस से आपकी नही पटती या जो आपको महत्व नही देते आप उनके खिलाफ लिख कर बदला लेते हैं...अब मुझे भी ऐसा लगने लगा है ,क्या यह सही है ?'
"नही ऐसा तो नही है।...आपको ऐसा क्यो लगा ?'
"पिछले दिनो आपने लिखा था कि समाज सेवी कृपा शंकर जी समाज सेवा का ढ़ोंग करते है। काम थोड़ा करते हैं पर बढ़ा चढ़ा कर प्रचार करते हैं...
"मैं ने जो लिखा था वह गलत नही है ।'
"पर उन्हे तो समाज सेवा के लिये कई बार पुरस्कृत किया जा चुका है। कई पत्रिकाओं में उनके साक्षात्कार भी प्रकाशित हुये हैं फिर उनको तो मैं व्यक्तिगत रूप से भी जानता हूँ ,वह एक नेक इंसान हैं।'
"आप भी क्या बात करते हैं...आप नही जानते, कुछ लोग बड़े जुगाड़ू होते हैं । वैसे भी आज पैसे से बहुत कुछ खरीदा जा सकता है .. फिर अपनी तारीफ में कुछ छपवाना तो और भी आसान है ।'
" वह कैसे ?'
"दारू पिला कर और मुर्गा खिला कर किसी से कुछ भी लिखवा लो।'
"ओ....,लगता है उन्होंने आपको कुछ नही खिलाया - पिलाया.....।'
Labels: लघुकथा
8 Comments:
पवित्रा जी, सच्चाई भी यही है !
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 27.9.18 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3107 में दिया जाएगा
धन्यवाद
हार्दिक धन्यवाद गगन जी
धन्यवाद आपका
This comment has been removed by the author.
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Hi I am a student studying in 11 can ltake it as short story
बहुत ही सुन्दर लेख है | और जीवन की सिख देने वाला है | हमे जिदगी में कभी घमंड नहीं करना चाहिए और नहीं कभी किसी को निचा दिखना चाहिए क्यूंकि समय का कभी कोई भरोसा नहीं | Talented India News App
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