Thursday, December 24, 2020

हर्जाना

 लघुकथा 

                       हर्जाना

                                      पवित्रा अग्रवाल

   "सुनो मुन्नी तो पहले से ही बहुत बीमार थी ...डाक्टर भी जवाब दे चुके थे ।मर गई तो तुम ने डाक्टरों से मार पीट क्यों की ?....अब चले गए न वो हड़ताल पर ।'
"हमारी मुन्नी तो चली गई, अब वो कहीं भी जाएँ , हमें क्या फरक पड़ता है ?'
"पर दूसरे मरीजों को फरक पड़ता है । इलाज न हो पाने से मरने वालों की संख्या कितनी बढ़ जाएगी, इसका अंदाजा तुम्हें है ?'
"अरी चुप्प ,तूने दुनिया भर का ठेका ले रखा है क्या ?..डाक्टर पर लापरवाही का इल्जाम लगा के मारपीट करने से हो सकता है हमें कुछ हर्जाना मिल जाये .'              

                                            -----
email--
-agarwalpavitra78@gmail.com

Labels:

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home