Tuesday, March 12, 2019

सही-गलत

लघुकथा         
              सही-गलत
                              पवित्रा अग्रवाल

            पहली बहू को आप्रेशन से बेटा हुआ था ,सास बहुत खुश थी
 .बहू कमजोर थी उसकी सुविधा को देखते हुए सास सोते जागते 
बच्चे को संभाल रही थी .बहू परेशान थी की अपने बच्चे को गोदी
 में लेने को तरस जाती हूँ ,हर समय सासु जी लिए रहती हैं .इस
 बात का पता उसे तब चला जब उन्हों ने बहू को अपने पति से 
कहते सुना ‘मुझे तो लगता ही नहीं वह मेरा बेटा है , सासु जी उसे
 मेरे पास छोड़ती ही नहीं हैं , मै तो तंग आ गई  हूँ
   बेटे ने कहा  --‘अरे यार यह तो तंग होने की कोई वजह नही है 
.तुम्हें आराम मिल सके इस लिए उन्हों ने सम्हाल रखा है वरना 
घर के काम काज के साथ बच्चे को सम्हालना आसन नहीं है.
 थक तो वे भी जाती होंगी .जब तुम्हारा मन हो उनसे ले लिया 
करो.’
    बहु की शिकायत सुन कर सास आहत हुई थी पर संतोष था कि
 बेटे ने उन्हें सही समझा था .
     दूसरी बहु को जब बच्चा हुआ तो सास ने सतर्कता बरतते 
हुए बच्चे को माँ के पास ज्यादा रहने दिया पर शिकायत से वह 
यहाँ भी नहीं बची .बहु ने क्या कहा होगा उसे यह तो नहीं मालुम
 पर बेटे ने कहा था “ माँ वह बच्चे को लिए लिए थक जाती है 
, उसे आप संभाल लिया करो '
                   उस से कुछ कहते नहीं बना .वह सोच रही थी कि बहु 
बेटे से कुछ कहने की जगह मुझे भी तो कह सकती थी कि माँ
 आप बच्चे को ले लो .माँ समझ नहीं पाई कि क्या सही है क्या
 गलत .
                                   ----
email -agarwalpavitra78@gmail.com 

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2 Comments:

At March 14, 2019 at 7:05 AM , Blogger सुशील कुमार जोशी said...

सुन्दर।

 
At March 17, 2019 at 8:44 AM , Blogger http://bal-kishor.blogspot.com/ said...

धन्यवाद सुशील जी

 

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