Tuesday, October 22, 2019

बेचारा रावण


लघुकथा
                        बेचारा रावण

                                      पवित्रा अग्रवाल

           रमन ने पूछा --"मम्मी दशहरे के दिन रावण को क्यो जलाते हैं ?'
           "बेटा रावण बहुत खराब था। उसने भगवान राम की पत्नी सीता का धोखे से अपहरण कर लिया था  । सीता को वापस लेने के लिये राम को रावण से युद्ध करना पड़ा और युद्ध में रावण मारा गया था ।'
             "यह सब तो मुझे मालुम है कि राम ने रावण को मार का सीता को उस के चंगुल से मुक्त कराया था  पर हर साल दशहरे पर नकली रावण बना कर उसे जलाने से क्या फायदा है ?'
     "फायदा यह है कि इस बहाने लोगों को याद रहे कि बुरे काम का नतीजा भी बुरा ही होता है।इस से लोगों को सीख मिलती है कि वे बुरे काम न करें।'
            "लेकिन मम्मी इस युग के दुष्टों की तुलना में रावण उतना बुरा नहीं था ।रावण ने सीता से कोई जबर्दस्ती नहीं की थी  ...पर अब तो चारों तरफ राक्षसों  की भरमार है  और ये राक्षस इतने ताकतवर हैं कि मासूमों का अपहरण ,बलात्कार और फिर हत्या  करने के बाद भी सजा से बच जाते हैं पर हम अब भी  हर साल बेचारे रावण को ही जलाते रहते हैं ।'
                                                     --
-पवित्रा अग्रवाल
 

Labels:

3 Comments:

At October 22, 2019 at 4:08 AM , Blogger Pammi singh'tripti' said...


जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना 23 अक्टूबर 2019 के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

 
At October 23, 2019 at 3:35 AM , Blogger गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

और जलाने वाले भी कौन जिनकी अपनी-अपनी लंका है ! राग-द्वेष-मद-लोभ के जीते-जागते पुतले !

 
At July 10, 2020 at 4:47 AM , Blogger NEWS PLANET said...

click here to read more story

 

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home