Wednesday, October 19, 2011

बेचारा रावण

 लघु कथा     

                          बेचारा रावण  
                                                                                       पवित्रा अग्रवाल


  
       रमन ने पूछा --"मम्मी दशहरे के दिन रावण को क्यो जलाते हैं ?'
        "बेटा रावण बहुत खराब था। उसने भगवान राम की पत्नी सीता का धोखे से अपहरण कर लिया था  । सीता को वापस लेने के लिये राम को रावण से युद्ध करना पड़ा और युद्ध में रावण मारा गया था ।'
        "यह सब तो मुझे मालुम है कि राम ने रावण को मार का सीता को उस के चंगुल से मुक्त कराया था  पर हर साल दशहरे पर नकली रावण बना कर उसे जलाने से क्या फायदा है ?'
       "फायदा यह है कि इस बहाने लोगों को याद रहे कि बुरे काम का नतीजा भी बुरा ही होता है।इस से लोगों को सीख मिलती है कि वे बुरे काम न करें ।'
       "लेकिन मम्मी इस युग के दुष्टों की तुलना में रावण उतना बुरा नहीं था। रावण ने सीता से कोई जबर्दस्ती नहीं की थी  ...पर अब तो चारों तरफ राक्षसों  की भरमार है । और ये राक्षस इतने ताकतवर हैं कि मासूमों का अपहरण ,बलात्कार और फिर हत्या  करने के बाद भी सजा से बच जाते हैं पर हम अब भी  हर साल बेचारे रावण को ही जलाते रहते हैं ।'

                                

                                                                    ____

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1 Comments:

At October 19, 2011 at 9:59 AM , Blogger चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

रावण ने सीता से कोई ज़बरदस्ती नहीं की थी- इसीलिए तो उसे हर साल जलाया जाता है कि उसने ऐसा क्यों नहीं किया :)

 

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