जागरूकता
लघु कथा
जागरूकता
राम अम्मा कई दिन से पीछे पड़ी थी--"अम्मा एक छोटा टी.वी.दिलवा दो,पगार में से सौ रुपये हर महीने कट कर लेना, बच्चियाँ बहुत पीछे पड़ रही हैं।'
आखिर मैंने उसे एक ब्लैक एंड व्हाइट पोर्टेबिल टी.वी. दिलवा दिया।
कुछ दिन बाद ही वह बोली -- "अम्मा,टी.वी.वापस नहीं हो सकता क्या ?'
" अब अचानक क्या हो गया, तब तो टी. वी के लिये पीछे पड़ी हुई थी ?'
"क्या करूँ अम्मा टी.वी. देख कर तो बच्चियों का दिमाग खराब हो गया है, कहती हैं"--"छोटे बच्चों से काम नहीं कराना चाहिए ,अब हम तेरे साथ काम पर नहीं जाएगे, हमें स्कूल जाना है।'
आखिर मैंने उसे एक ब्लैक एंड व्हाइट पोर्टेबिल टी.वी. दिलवा दिया।
कुछ दिन बाद ही वह बोली -- "अम्मा,टी.वी.वापस नहीं हो सकता क्या ?'
" अब अचानक क्या हो गया, तब तो टी. वी के लिये पीछे पड़ी हुई थी ?'
"क्या करूँ अम्मा टी.वी. देख कर तो बच्चियों का दिमाग खराब हो गया है, कहती हैं"--"छोटे बच्चों से काम नहीं कराना चाहिए ,अब हम तेरे साथ काम पर नहीं जाएगे, हमें स्कूल जाना है।'
"अम्मा हम भी पढाना चाहते है लेकिन दोनो मिल कर डेढ़ हजार से ऊपर कमा लेती हैं , आप ही बोलो स्कूल को भेज दूँ तो कैसे गुजारा होगा ?'
पवित्रा अग्रवाल
email-- agarwalpavitra78@gmail,com
--
Labels: लघु कथा
1 Comments:
Nice post.If you like hindi story to read then visit this link.
Real stories in Hindi
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home