समाज सेवा
लघु कथा
समाज सेवा
पवित्रा अग्रवाल
सुधा ने अपने पति से कहा"--" देखना इस अखवार में मैडम का फोटो क्यों छपा है ?'
"तुम जानती हो इन मैडम को ?'
"हाँ इन के सिलाई कढ़ाई सेंन्टर पर ही तो मैं काम करती थी।'
"अच्छा तो वो यही मैडम हैं।..इन्हों ने समाज में गरीब महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए के लिए बहुत काम किया है ,इस लिए उनका सम्मान किया गया है।'
"जरा पढ़ कर तो बताना कि इन्हों ने महिलाओं के लिए ऐसा क्या किया है जिसकी वजह से उनका सम्मान किया गया है और वो समाचार फोटो के साथ अखवार में छपा है।'
"इस में लिखा है गरीब महिलाओं को रोजगार देने के लिए इन्हों ने शहर में सब से पहला सिलाई कढ़ाई सेन्टर खोला था।'
"हाँ सेन्टर तो इन्होंने खोला था और बहुत सी महिलाएं उस में काम भी करती थीं पर उनका उद्देश्य महिलाओं की हालत सुधारना या उन्हें रोजगार देना नहीं था ।''
"तो उनका उद्देश्य क्या था ?''
" उनका उद्देश्य था पैसा कमाना ।हम सब से सस्ते दामों पर कढ़ाई करा कर उन्हें ऊँचे दामों पर बेचना । ... यह मैडम खूब मुनाफा कमाती थीं ।''
"सभी ऐसा करते हैं.. इसमें बुरा क्या है ?''
-"मुनाफा कमाना बुरी बात नहीं हैं...व्यापार में सभी कमाते हैं पर उस को समाज सेवा के रूप में भुनाना बेइमानी है।...ऐसे तो फिर हर व्यापारी समाज सेवी है क्यों कि व्यापार चलाने के लिए उसे नौकर तो रखने ही पड़ते हैं ।''
"तुम जानती हो इन मैडम को ?'
"हाँ इन के सिलाई कढ़ाई सेंन्टर पर ही तो मैं काम करती थी।'
"अच्छा तो वो यही मैडम हैं।..इन्हों ने समाज में गरीब महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए के लिए बहुत काम किया है ,इस लिए उनका सम्मान किया गया है।'
"जरा पढ़ कर तो बताना कि इन्हों ने महिलाओं के लिए ऐसा क्या किया है जिसकी वजह से उनका सम्मान किया गया है और वो समाचार फोटो के साथ अखवार में छपा है।'
"इस में लिखा है गरीब महिलाओं को रोजगार देने के लिए इन्हों ने शहर में सब से पहला सिलाई कढ़ाई सेन्टर खोला था।'
"हाँ सेन्टर तो इन्होंने खोला था और बहुत सी महिलाएं उस में काम भी करती थीं पर उनका उद्देश्य महिलाओं की हालत सुधारना या उन्हें रोजगार देना नहीं था ।''
"तो उनका उद्देश्य क्या था ?''
" उनका उद्देश्य था पैसा कमाना ।हम सब से सस्ते दामों पर कढ़ाई करा कर उन्हें ऊँचे दामों पर बेचना । ... यह मैडम खूब मुनाफा कमाती थीं ।''
"सभी ऐसा करते हैं.. इसमें बुरा क्या है ?''
-"मुनाफा कमाना बुरी बात नहीं हैं...व्यापार में सभी कमाते हैं पर उस को समाज सेवा के रूप में भुनाना बेइमानी है।...ऐसे तो फिर हर व्यापारी समाज सेवी है क्यों कि व्यापार चलाने के लिए उसे नौकर तो रखने ही पड़ते हैं ।''
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-पवित्रा अग्रवाल
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