Saturday, January 16, 2016

पोल खोल

  
लघु कथा
                           पोल खोल    
                                                         पवित्रा अग्रवाल


            मंत्री जी ने पत्नी से पूछा --"अरुणा तुम्हारे पास कहीं राष्ट्र गान लिखा हुआ है क्या ?'
 "लिखा हुआ तो नहीं है लेकिन  मुझे याद है...पर तुम यह क्यों पूछ रहे हो ?'
 "अरे तुम से क्या छिपाना ,मुझे राष्ट्र गान पूरी तरह याद नहीं है। …  उसे याद कर लेना चाहता  हूँ ।'
 "है तो यह आश्चर्य की बात कि तुम्हें यह याद नहीं है पर आज तुम्हे राष्ट्र गान याद करने की जरूरत क्यों महसूस हो रही है ?'
      "अरे यार ये पत्रकार बड़े सिरफिरे होते हैं।ऊल जलूल न जाने कब ,किस से क्या पूछ बैठें,कल हमारे एक साथी से पूछ लिया कि अपना राष्ट्रीय गान कौन सा है ।...उस पागल ने "बन्दे मातरम' बता दिया।बस मीडिया ने इसका प्रचार कर दिया ,ऐसे में बड़ा शर्मिन्दा होना पड़ता है।कभी गाने को भी कह सकते हैं,इसी लिए सोचा कि ठीक से याद कर लूँ ।'




-पवित्रा अग्रवाल
 ईमेल -- agarwalpavitra78@gmail.com
 
मेरे ब्लोग्स

 http://Kahani-Pavitra.blogspot.com
 



                   

Labels:

4 Comments:

At January 17, 2016 at 5:54 AM , Blogger डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (18-01-2016) को "देश की दौलत मिलकर खाई, सबके सब मौसेरे भाई" (चर्चा अंक-2225) पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

 
At January 17, 2016 at 6:22 AM , Blogger http://bal-kishor.blogspot.com/ said...

धन्यवाद शास्त्री जी

 
At January 17, 2016 at 9:52 PM , Blogger Jyoti Dehliwal said...

आज के नेताओ की पोल खोलती बढिया लघुकथा...

 
At January 18, 2016 at 10:55 PM , Blogger http://bal-kishor.blogspot.com/ said...

धन्यवाद ज्योति जी .

 

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home