Tuesday, July 15, 2014

सौतेला व्यवहार

     

लघु कथा


                  सौतेला व्यवहार

                                                                             पवित्रा अग्रवाल

         
 बार बालायें आक्रोश में थीं---" हम बार में डांस करते हैं तो क्या गलत करतें हैं ?'
 "डाँस करना गलत नहीं हैं,अश्लील हरकतो कें साथ डांस करना गलत हैं।.. आप लोगों पर यह भी आरोप है कि आप सब बहुत कम कपड़ों में डांस करती हैं।''
 "पत्रकार बाबू यह आरोप हरेक के लिये सही नही है,हाँ कुछ ऐसा भी करती होंगी पर हमारे दर्शक आम आदमी नहीं हैं,न हम पब्लिक प्लेसेज में ऐसा करते हैं ।एक बार में  बन्द जगह में लिमिटेड लोगों के बीच हम नाचते हैं और हमारे दर्शक सब एडल्ट होते हैं बच्चे नहीं...''
 "देखिये गलत तो गलत हैं..'
 "पहले मुझे बात तो खत्म करने दीजिये, ठीक है हम जो करते हैं वह सही नहीं है किन्तु टीवी पर खुले आम जो वीडियो एलबम दिखाये जा रहे हैं उनकी बालायें वस्त्रों में, हरकतों में हम से कहाँ कम हैं ? ....क्या मैं गलत कह रही हूँ ? '
 "नहीं आप की बात भी गलत नहीं है ।'
 दूसरी बार बाला ने कहा--"फिल्मों में जो बैडरूम सीन दिये जा रहे हैं या जो डांस परोसे जा रहे हैं, वह पूरे देश में बच्चें बूढ़े सभी देख रहे हैं ।सच कहें तो अपने परिवार के साथ उन दृश्यों को देखते हुए हम भी शर्म से पानी पानी हो जाते हैं । उन्हें रोक कर दिखायें... पर उन पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है, बस बार बालाओं के पीछे पड़े हैं।हमारी रोजी रोटी छीन रहे हैं...कुछ को वैश्या वृत्ति की ओर धकेल रहे हैं ...क्या यह सौतेला व्यवहार नहीं है ?"
 
पवित्रा अग्रवाल
 
 

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10 Comments:

At July 16, 2014 at 7:58 AM , Anonymous Anonymous said...

good point

 
At July 16, 2014 at 8:35 AM , Blogger डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 17- 07- 2014 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1677 में दिया गया है
आभार

 
At July 16, 2014 at 9:16 PM , Blogger डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सार्थक लघुकथा।

 
At July 16, 2014 at 10:31 PM , Blogger http://bal-kishor.blogspot.com/ said...

थैंक्स पुनीत जी

 
At July 16, 2014 at 10:32 PM , Blogger http://bal-kishor.blogspot.com/ said...

धन्यवाद दिलबाग जी चर्चा मंच में शामिल करने के लिए .

 
At July 16, 2014 at 10:35 PM , Blogger http://bal-kishor.blogspot.com/ said...

आदरणीय शाश्त्री जी लघु कथा आप को अच्छी लगी जान कर हर्ष हुआ ,बहुत बहुत धन्यवाद .

 
At July 17, 2014 at 11:02 AM , Blogger Pratibha Verma said...

बहुत बार यह सवाल दिमाग में आया.. लेकिन जवाब कहीं नहीं मिला...

 
At July 18, 2014 at 11:15 PM , Blogger http://bal-kishor.blogspot.com/ said...

धन्यवाद प्रतिभा जी.अनेकों सवाल और सवालों से जूझना भी लिखने को मजबूर करता है

 
At July 19, 2014 at 7:41 AM , Blogger Malhotra vimmi said...

इस लघुकथा के द्वारा आपने जो दर्शाया वह बहुत सराहनीय है। बहुत खुब

 
At July 19, 2014 at 8:25 AM , Blogger http://bal-kishor.blogspot.com/ said...

धन्यवाद विम्मी जी अपने विचार मुझ तक पहुँचाने के लिए

 

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