कथनी--करनी
लघु कथा
कथनी--करनी
पवित्रा अग्रवाल
अपनी नन्द को आया देख कर पम्मी ने कहा - "अरे रेणु आओ आओ तुम्हारा साउथ का ट्रिप कैसा रहा,कब लौटीं ?'
"ट्रिप बहुत अच्छा रहा भाभी,रात को ही लौटी हूँ पर क्या बात है ,आप बड़ी बुझी बुझी सी लग रही हैं,मम्मी से फिर कुछ कहा सुनी हो गई क्या ?'
"रेणु,तुम तो मेरी सहेली की तरह हो,तुम से तो मैं हर बात कर लेती हूँ,आज सुबह सुबह मम्मी जी से मेरी तू तू मैं मैं हो गई।'
"क्यों ?'
"जब से उन्हें पता चला हैं कि मैं फिर से गर्भवती हूँ तब से मेरे पीछे पड़ी हैं कि मैं सैक्स डिटर्मीनेशन टैस्ट करा लूँ और अभी किसी को भी अपने गर्भवती होने की बात नहीं बताऊँ ।'
"भाभी फिर तो वह यह भी चाहती होंगी कि यदि गर्भ में लड़की है तो उसे समाप्त कर दो ।'
"हाँ ।'
"कभी-कभी मम्मी को ये क्या हो जाता है,जो इस तरह की बातें करने लगती हैं।...आप परेशान न हों भाभी मम्मी को मैं समझाऊँगी,मम्मी अभी घर पर नहीं हैं क्या ?'
"नहीं'
"कहाँ गई हैं ?'
"आल इंडिया रेडियों पर "सेव द गर्ल चाइल्ड' विषय पर वार्ता रिकार्ड कराने गई हैं।
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