Tuesday, December 26, 2017

 

Friday, December 22, 2017

तरीका गलत था

लघुकथा
                  तरीका गलत था      
                                                 पवित्रा अग्रवाल


        मीता सुबह सो कर उठी तो भाभी गद्दे पर पाउडर डाल रही थीं।उसे देख कर वह पिंकी को  थप्पड़ मारते हुये बोलीं -- "देखो न मीता पिंकी  कभी ऐसा नहीं करती पर पता नहीं कैसे आज  इसने बिस्तर गीला कर दिया है।'
         भाभी की इस बात पर उसे दो महीने पहले की घटना याद आ गई थी।वह एक सप्ताह के लिये भाई के आग्रह पर उनके पास गई थी ।आठ महीने के बन्टी ने हॉल में पेशाब कर दिया था ।..उसने पेशाब कपड़े से पौंछ कर कपड़ा बाहर धूप में डाल दिया था ।तभी भाभी ने कुछ चिड़ी हुई सी आवाज में कहा --"मीता एक बार गीले कपड़े से यह जगह पोंछ दो वरना पूरे दिन बदबू आती रहेगी फिर कपड़ा धो कर बाहर धूप में डाल देना ।'
        यों भाभी ने ऐसा कुछ गलत नहीं कहा था पर उनके कहने के ढ़ंग से वह आहत हुई थी।उसे याद था इन्हीं भाभी की बिटिया ने कई बार उसके गद्दे गीले किए थे...पर अब उनके बच्चे बड़े हो गए हैं तो मुझे सफाई सिखा रही हैं।...पर वह चुप रही थी ।
    आज उन्ही भाभी की बिटिया ने फिर मीता का गद्दा गीला कर दिया था, जब कि वह इतनी छोटी भी नहीं थी ।पिंकी को रोता देख कर वह बोली --"देखो भाभी रुला दिया न उसे ।...क्या हो गया गीला कर दिया तो, क्या बंटी गीला नहीं करता ?...थोड़ी देर में धूप निकलेगी तो गद्दा धूप में डाल दूँगी ।'   

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