Tuesday, August 31, 2021

बदलाव

 लघुकथा 


 बदलाव 

            पवित्रा अग्रवाल 

 पुरानी  कामवाली अपनी बेटी लक्ष्मी के साथ छोटी बेटी की

   शादी का कार्ड देने आई थी. करीब 15 वर्ष बाद मैंने उनको

 देखा था। लक्ष्मी को सलवार सूट पहने देखा तो पुरानी बात याद

 आ गई. मैंने उसे सलवार सूट देना चाहा था तो बोली-' अम्मा

 यहाँ तो इसे संडास साफ करने वाली पहनती हैं.’

 'अरे मैं भी तो पहनती हूँ तो क्या मैं ...?

‘आपकी बात दूसरी है अम्मा ,हम तो यहाँ आंध्र के ही हैं,यहाँ

 हमारे लोगों में ऐसी ड्रेस कोई नहीं पहनता ।हमारे लोगों में साड़ी

 या लंहगा –दुपट्टा चलता है, ये पहने तो लोगाँ बातां बनाते  '

बात उसकी भी गलत नहीं थी पर आज मैं पूछ बैठी --

 'अरे लक्ष्मी तूने आज सलवार सूट कैसे पहन लिया ?'

' अरे अम्मा अब तो हमारे लोगों में भी सब पहन रहे हैं...आपके

 पास कुछ हों तो अब मुझे दे दो '

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